Thursday 1 March 2012

निरीक्षक स्तर तक के लिए अभियोजन स्वीकृति आवश्यक नहीं


नागराज बनाम मैसूर राज्य (१९६४ ए आई आर २६९) में निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि  अधिनियम की धारा २६ में प्रावधान है कि सहायक अधीक्षक से नीचे की श्रेणी का कोई भी अधिकारी जिसे उपधारा ३ के अंतर्गत  अधिकृत किया हो और उपधारा ३ में प्रावधान है कि धारा ८ के प्रावधानों के अध्यधीन सहायक अधीक्षक से नीचे की श्रेणी के किसी पुलिस अधिकारी को दण्डित करने का  अधिकार महानिरीक्षक को होगा| इसका अभिप्राय यह है कि महानिरीक्षक एक उपनिरीक्षक को बर्खास्त कर सकता है जो कि सहायक अधीक्षक से निम्नतर श्रेणी का होता है| इसलिए अपीलार्थी के अभियोजन के लिए राज्य सरकार से कोई स्वीकृति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है यहाँ तक कि यदि उसने अपने शासकीय कार्य निष्पादन के समय यह अपराध किया हो|

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