Saturday 26 March 2011

भ्रष्ट को कोई संरक्षण नहीं -2

कन्हैयालाल आदि के विरुद्ध  एफ आइ आर दर्ज  करवाई गयी कि उसने विशेष अधिकारी राजस्थान आवासन मंडल के पद पर कार्य करते हुए सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर वर्ष 2002 में अनुचित ढंग से पट्टे जारी किये। राजस्थान उ. न्या ने उक्त एफ आइ आर निरस्त कर दी थी जिसके विरुद्ध  सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका  सुरेन्द्र कुमार भाटिया बनाम कन्हैयालाल के निर्णय दि 30.01.09 में कहा है कि अधिनियम के अन्तर्गत कार्याें का उन्मोचन करते हुए जैसा कि धारा 19 में परिभाशित है कलेक्टर न तो न्यायाधीष है और न ही वह न्यायिकतः कार्य करता है। अस्तु वह भा.द.सं. की धारा 77 का संरक्षण का पात्र नहीं है। अतः कलेक्टर/विषेश अधिकारी की हैसियत में न्यायाधीष की तरह कार्यवाही करने की विशय-वस्तु के सम्बन्ध में षिकायत की प्रथम सूचना प्रतिवेदन निरस्त करने का उच्च न्यायालय का निर्णय  विधि विरूद्ध है और इसलिए खारिज किये जाने योग्य है। एफ आइ आर पुनः कायम कर दी गयी।

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