Saturday 16 April 2011

पुलिस ज्यादती पर उपचार

संजीव कुमार सिंह आदि को दिल्ली पुलिस द्वारा अनुचित रूप से गिरफ्तार कर द.प्र. संहिता की धारा 107 व 151 आदि के अन्तर्गत दो दिन तक निरूद्ध रखा गया। बाद में यद्यपि जमानत पर विषेश कार्यकारी मजिस्ट्रेट (पुलिस कमिष्नर) द्वारा रिहा कर दिया गया। किन्तु बन्दियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर राहत मांगी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका संजीव कुमार सिंह बनाम दिल्ली राज्य के निर्णय दिनांक 25.02.2008 में कहा कि मेरे विचार से यह एक उपयुक्त मामला है जहां पूर्ण घटनाक्रम की सी.बी.आई. जांच होनी चाहिए और अवैध परिरोध करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। सी.बी.आई. को निर्देष दिये जाते हैं कि वह याचिका में लगाये गये आरोपों की जांच हेतु मामला दर्ज करे। याचिका की प्रति के साथ इस आदेष की प्रति सी.बी.आई. को जांच कर 120 दिन में सम्बन्धित मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु भेजी जाय। प्रत्येक याचीगण को, जब कोई जमानत आदेष पारित नहीं किया गया तथा जमानती बॉड स्वीकार नहीं किया गया, दो दिन की दोशपूर्ण गिरफ्तारी के लिए राज्य द्वारा रु25000/- हर्जाना भुगतान किया जाये। याचीगण के विरूद्ध धारा 107 व 151 की कार्यवाही निरस्त कर दी गई।

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