Saturday 23 April 2011

पुलिस और पब्लिक


एक प्रकरण में स्वयं पुलिस अधिकारी ने मामला दर्ज करवाया और उसी ने जांच की। चूंकि इसमें न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्त का उल्लंघन था। अतः मेघासिंह बनाम हरियाणा राज्य 1996 11 एससीसी 709 नामक इस प्रमुख वाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिवादी होते हुए उसे स्वयं मामले में अनुसंधान नहीं करना चाहिए था।
पुलिस ने बिना समुचित प्रक्रिया अपनाये ही सुनील कुमार के विरूद्ध हिस्ट्रीषीट खोल ली थी। प्रकरण में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनिल कुमार बनाम पुलिस अधीक्षक (1997)क्रि.ला.ज. 3201 इलाहा) कहा कि दोनों ही स्थितियों में यह सुनिष्चित करने के लिए कि थाना प्रभारी द्वारा हिस्ट्रीषीट खोलने या खोलने की रिपोर्ट उचित है जांच आवष्यक है ।थाना प्रभारी की रिपोर्ट पर ही मोहर लगा देना पर्याप्त नहीं है।


एक प्रकरण में स्वयं पुलिस अधिकारी ने मामला दर्ज करवाया और उसी ने जांच की। चूंकि इसमें न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्त का उल्लंघन था। अतः मेघासिंह बनाम हरियाणा राज्य 1996 11 एससीसी 709 नामक इस प्रमुख वाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिवादी होते हुए उसे स्वयं मामले में अनुसंधान नहीं करना चाहिए था।
पुलिस ने बिना समुचित प्रक्रिया अपनाये ही सुनील कुमार के विरूद्ध हिस्ट्रीषीट खोल ली थी। प्रकरण में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनिल कुमार बनाम पुलिस अधीक्षक (1997)क्रि.ला.ज. 3201 इलाहा) कहा कि दोनों ही स्थितियों में यह सुनिष्चित करने के लिए कि थाना प्रभारी द्वारा हिस्ट्रीषीट खोलने या खोलने की रिपोर्ट उचित है जांच आवष्यक है ।थाना प्रभारी की रिपोर्ट पर ही मोहर लगा देना पर्याप्त नहीं है।








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