Tuesday 14 February 2012

न्यायालय की चूक से किसी भी पक्षकार को हानि नहीं होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने शैख़ सलीम हाजी अब्दुल बनाम कुमार  [२००६(१) सिविल कोर्ट केसेज २९० ( सुको)] के निर्णय में कहा है कि यदि न्यायालय ने लिखित अभिकथन दाखिल करने के लिए ९० दिन से अधिक का समय अनुमत किया था और दुर्भाग्य से ऐसा दिन यदि छुट्टी पडती हो तो पक्षकार को इससे हानि नहीं पहुंचनी चाहिए| क्योंकि न्याय का यह   सिद्धांत है कि न्यायालय की चूक से किसी भी पक्षकार को हानि नहीं होनी चाहिए|

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