Friday 24 February 2012

न्यायिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की अपील कार्यपालक द्वारा नहीं सुनी जा सकती

सुप्रीम कोर्ट ने अमरीकसिंह लायलपुरी बनाम भारत संघ (मनु/सुको/०४५६/२०११) में कहा है कि  उपरोक्त अधिनयम के अधीन स्थापित सिविल न्यायालय की विशेषताओं युक्त ट्राइब्यूनल और अनुभवी न्यायिक अधिकारियों द्वारा संचालित जिन्हें कि अपने कुछेक कर्तव्यों का निर्वहन सिविल न्यायालय की तरह करना था और ऐसे निकायों के समक्ष कार्यवाहियां न्यायिक कार्यवाही थीं| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र के प्रशासक अर्थात लेफ्टिनेंट गवर्नर एक कार्यपालक हैं और न्यायिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की अपील कार्यपालक द्वारा नहीं सुनी जा सकती चाहे न्यायिक अधिकारी ने ऐसा आदेश अर्धन्यायिक हैसियत में ही पारित किया हो |ऐसे आदेश के विरुद्ध मात्र न्यायिक अधिकारी के समक्ष ही प्रस्तुत की जा सकती है |अतः दिल्ली नगर निगम अधिनियम ,१९५७ की धारा ३४७ घ के अंतर्गत अपील जिला न्यायाधीश दिल्ली को प्रस्तुत होगी| अपील अनुमत की गयी|  

No comments:

Post a Comment