सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराँचल राज्य बनाम गोल्डन फोरेस्ट क. (मनु/सुको/०३९२/२०११) के निर्णय में कहा है कि अ ने कुछ आछेपित भूमि जो गोल्डन फोरेस्ट इंडिया और उसके सहप्रतिष्ठान के नाम से थीं ली| सहायक कलेक्टर ने पाया कि प्रत्यार्थियों के नाम नाम खरीद उत्तर प्रदेश ज़मींदारी उन्मूलन व भू सुधार अधिनियम की धारा १५४(१) के प्रतिबंधों के उल्लंघन में है| पुनर्गठन अधिनियम की धारा ९१ में प्रावधान है कि समस्त कार्यवाहियां जो उत्तरप्रदेश राज्य में स्थित किसी न्यायालय, प्राधिकारी, ट्राइब्यूनल या अधिकारी के पास बकाया थीं जोकि ०९.११.२००० कोस्वतः की उत्तराँचल राज्य में संबद्ध न्यायालय, प्राधिकारी, ट्राइब्यूनल या अधिकारी को स्थानांतरित हो जाएँगी इसलिए जो पुनरीक्षण ९.११.२००० को राजस्व मंडल उत्तरप्रदेश के पास लंबित थीं उत्तराँचल राज्य को अंतरित हो जायेंगी और तदनुसार राजस्व मंडल उत्तरप्रदेश द्वारा निर्णित नहीं की जानी चाहिए थीं| एकल न्यायाधीश ने राजस्व मंडल उत्तरप्रदेश के निर्णय में इस घटक दोष को नजरंदाज किया है| राजस्व मंडल उत्तरप्रदेश का आछेपित निर्णय निरस्त किया जाता है और प्रत्यर्थीगण द्वारा प्रस्तुत पुनरीक्षण को उत्तराँचल राज्य के राजस्व मंडल को अंतरित किया जाता है| अपील अनुमत की गयी|
No comments:
Post a Comment