सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान राज्य बनाम अनी उर्फ हनीफ (एआईआर 1997 सुको 1023) में कहा है कि यदि आपराधिक न्यायालय को न्याय प्रदानगी का प्रभावी उपकरण बनना है तो पीठासीन न्यायाधीश को मात्र एक रिकॉर्डिंग मशीन तथा दर्शक बनकर नहीं रहना है। उसे अन्वीक्षण में बुद्धिमतापूर्वक सक्रिय रूचि लेते हुए साक्ष्यों से प्रश्न पूछकर सत्य का निश्चय करना चाहिए तथा परीक्षण में भागीदार बनना चाहिए।
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