Friday 7 October 2011

दोष सिद्धि के लिए मिथ्या स्पष्टीकरण काफी है

सुप्रीम कोर्ट ने जय कृष्णदास मनोहरदास देसाई बनाम बम्बई राज्य (एआईआर 1960 सुको 833) में कहा है कि जिस कपड़े पर उन्हें आधिपत्य सौंपा गया था उसका अपीलार्थी हिसाब देने के दायित्वधीन थे, में विफल रहे हैं और उन्होंने हिसाब देने में असफल रहने के लिए मिथ्या स्पष्टिकरण दिया है। उच्च न्यायालय का विचार था कि यह मिथ्या बचाव लेखा पुस्तकें प्रस्तुत करने में असफलता के मद्देनजर स्टॉक रजिस्टर तथा टेक्साटाईल आयुक्त  से पत्राचार की अनुपस्थिति/गायब होने के कारण से आपराधिक आशय से दुर्विनियोग स्थापित हुआ है

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