सुप्रीम कोर्ट ने रामगोपाल बनाम राजस्थान राज्य (एआईआर 1998 सुको 2598) में कहा है कि परिस्थिति एवं समय ऐसा था कि स्वतन्त्र साक्षी की उपस्थिति की अपेक्षा नहीं की जा सकती। घटना स्थल मृतक के निवास गृह के भीतर था तथा समय लगभग आधी रात्रि था। ऐसी परिस्थिति में घर के साथी ही घटना के सबसे प्राथमिक गवाह होंगे। इसलिए ऐसी स्थिति में वे ही प्राकृतिक साक्षी है। ऐसी साक्ष्य को मात्र इसलिए नहीं नकारा जा सकता कि वे मृतक के सम्बन्धी है। दूसरा बिन्दु उठाया गया है कि चश्दीद गवाहों द्वारा साक्ष्य में दिये गये विवरण एफ.आई.आर. की मुख्य बातों से सुसंगत है। परीक्षण न्यायालय तथा उच्च न्यायालय ने ठीक ही इंगित किया है कि घटना के विवरणों का एफ.आई.आर. में उल्लेख न होना इस महत्वपूर्ण प्रलेख को नकारने के लिए पर्याप्त नहीं है।
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