सुप्रीम कोर्ट ने रामसिंह बनाम सोनिया के निर्णय दिनांक 15.02.07 में कहा है कि कृत्य की नृशंसता इतनी क्रूर है कि असहाय लोगों की किस प्रकार दुष्टतापूर्वक हत्या की गई यह तथ्य इस बात का द्योतक है कि यह सबसे क्रूरतम कृत्य था और दोनों अभियुक्तों में भी मौलिक मानवता का अभाव था तथा मानस इस प्रकार सैट था कि उसमें सुधार की कोई गुंजाईश नहीं रह गयी। यदि यह कृत्य भी झकझोरने वाला या हृदय विदारक नहीं था तो यह समझ से बाहर है कि फिर कौन सा दूसरा कृत्य ऐसा माना जा सकता है।
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