Wednesday 12 October 2011

परिस्थितिजन्य साक्ष्य

परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित मामले की स्थिति में  यह सुनिश्चित कानून है कि परिस्थितियां जिन पर दोषी होने का निष्कर्ष आधारित है पूर्णतया साबित होना चाहिए और ऐसी परिस्थितियां अंतिम प्रकृति की होनी चाहिए। सभी परिस्थितियां पूर्ण होनी चाहिए तथा साक्ष्यों की श्रृंखला में अन्तराल नहीं होना चाहिए। आगे यह कि साबित परिस्थितियां दोषी होने की कल्पना से सुसंगत होनी चाहिए तथा निर्दोषिता से पूर्णतया असंगत होनी चाहिए।

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