सुप्रीम कोर्ट ने हरिदास बनाम पश्चिम बंगाल राज्य (1964 एआईआर 1773) में कहा है कि मेरे निर्णयन में इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह आपराधिक कार्यवाही का प्रारम्भ है क्योंकि न्यायालय के अवमान में कारावास तथा अर्थदण्ड से दण्डित किया जा सकता है और एक व्यक्ति पर न्यायालय के अवमान का आरोप आपराधिक कार्यवाही के विस्तृत शब्द में समाहित है। धारा 211 के अन्तर्गत अपराध में विशेष कानून के अन्तर्गत दण्डनीय शामिल है और अवमान कानून विशेष कानून है। अतः न्यायालय का अवमान अधिनियम का अपराध 211 के अन्तर्गत भी अपराध है।
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