दिल्ली उच्च न्यायालय ने करणगांधी बनाम राज्य के निर्णय दिनांक 07.11.07 में कहा है लेकिन इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता कि किसी विपरीत स्पष्ट प्रावधान की अनुपस्थिति में सभी आपराधिक न्यायालयों को आपराधिक कार्यवाही निरस्त करने का क्षेत्राधिकार है ताकि वे वास्तविक और सारभूत न्याय दे सके।
सुप्रीम कोर्ट ने सकीरी वासु बनाम उतर प्रदेश राज्य अपील सं0 1685/07 में कहा है कि जब कोई अधिकार कानून के अन्तर्गत बिना विशेष उल्लेख किये अभिव्यक्त रूप से दिया जाता है तो उसमें प्रत्येक शक्ति और प्रत्येक नियंत्रण जो कि अनुसंघिक हो शामिल है जिसकी मनाही स्वयं राहत के लिए अप्रभावी बना देगी। पुलिस के लिए अनुसंधान हेतु मजिस्ट्रेट एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश देने के लिए स्वतन्त्र है। ऐसा करने में कुछ भी अवैध नहीं है। यदि एक मजिस्ट्रेट धारा 156 (3) अन्तर्गत अनुसंधान करने का निर्देश देते समय ऐसे शब्दों में नही कहता कि एफआईआर दर्ज की जावे तो भी पुलिस थाने के अधिकारी का कर्तव्य है कि वह परिवाद में प्रकट संज्ञेय अपराध की एफआईआर दर्ज करे क्योंकि पुलिस अधिकारी अध्याय 12 के अनुसरण में अग्रिम कदम बाद में ही उठा सकता है।
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