Friday 11 November 2011

अभियोजन चालू रखने से कोई फलदायी उद्देश्य नहीं निकलेगा तो आपराधिक कार्यवाही को निरस्त किया जा सकता है

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पुष्पम अपाला नायडू बनाम कर्नाटक राज्य के निर्णय दिनांक 06.05.10 में कहा है कि यदि परिवादी अपने परिवाद को आगे नहीं चलाना चाहता और उसे रकम मिल गई तथा याची का उसे उसके साथ कपट करने का कोई इरादा नहीं है और अभियोजन चालू रखने से कोई फलदायी उद्देश्य नहीं निकलेगा। किन्तु पुलिस ने उसका विरोध किया तो भी आपराधिक कार्यवाही को निरस्त किया जा सकता है।

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