Tuesday 6 September 2011

बिना कारण का निर्णय टिकने योग्य नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने आन्ध्र प्रदेश राज्य बनाम गोवथू रघूनायकन (एआईआर 1987 एससी 40) में कहा है कि विद्वान न्यायाधीश ने निर्णयन हेतु बिन्दु उचित रूप से नहीं बनाये हैं और रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्य पर ध्यान नहीं दिया है और न ही उसके लिए कारण दर्ज किये गये हैं। वास्तव में यह दुर्भाग्य है कि विद्वान न्यायाधीश ने मामले का गलत दृष्टिकोण लिया है और निर्णयार्थ उचित बिन्दुओं के बनाये बिना तथा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य का अभियुक्त की दोष सिद्धि साबित करने वाले साक्ष्य का बिना उचित मूल्यांकन किये तथा बिना ऐसे कारणों पर गये कि अभियोजन मामले को  साबित करने मे विफल रहा है यद्यपि घटना के चश्मदीद गवाह भी मौजूद हैं।

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