दिल्ली उच्च न्यायालय ने महन्त सुरेन्द्रनाथ बनाम भारत संघ (146 (2008 ( डीएलटी 438) में कहा है कि उपरोक्त विवरण से शपथ भंग के कानून का इतिहास रेखांकित होता है जो कि विवादकों पर आरोप लगाने के अभिप्राय से है जबकि कुछ शातिर मुकदमेंबाज न्यायालय में झूठ को काम में लेकर न्याय प्रदाय निकाय के स्रोत को दूषित करते हुए पाये जाते हैं।
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