केन्द्रीय सूचना आयोग ने प्रकरण सी आई सी/पी बी/ए/2006/00115: प्रेम कुमार त्रिपाठी बनाम डाक विभाग के निर्णय में कहा है कि जन सूचना अधिकारी ने बिन्दुवार जवाब दिया है किन्तु उसने विभागीय पदोन्नति कमिटी के मिनट्स के प्रकटन से इनकार कर दिया है| आयोग ने बहुत से मामलों में पहले से ही निर्धारित कर रखा है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और उद्देश्यपरकता सुनिश्चित कराने के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट से प्राप्त सामग्री के अतिरिक्त विभागीय पदोन्नति कमिटी की कार्यवाहियों को सार्वजनिक दृष्टिगोचरता में रखा जाना चाहिए| जन सूचना अधिकारी धारा 10(1) को लागू करने के पश्चात वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट से प्राप्त सामग्री के अतिरिक्त विभागीय पदोन्नति कमिटी की कार्यवाहियों को इस आदेश प्राप्ति से 10 दिवस के भीतर प्रकट करेंगे|
वास्तविक लोकतंत्र की चिंगारी सुलगाने का एक अभियान - (स्थान एवं समय की सीमितता को देखते हुए कानूनी जानकारी संक्षिप्त में दी जा रही है | आवश्यक होने पर पाठकगण दिए गए सन्दर्भ से इंटरनेट से भी विस्तृत जानकारी ले सकते हैं|पाठकों के विशेष अनुरोध पर ईमेल से भी विस्तृत मूल पाठ उपलब्ध करवाया जा सकता है| इस ब्लॉग में प्रकाशित सामग्री का गैर वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए पाठकों द्वारा साभार पुनः प्रकाशन किया जा सकता है| तार्किक असहमति वाली टिप्पणियों का स्वागत है| )
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