दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोशन लाल बनाम भारत संघ ( मनु/दिल्ली/0932/2011) में कहा है कि मृतक का शव प्लेटफोर्म से बरामद हुआ था व पाया गया कि उसकी मृत्यु जहर से हुई है | यह तर्क दिया गया कि मृतक एक सद्भावी यात्री था| ट्राइब्यूनल ने दावा अस्वीकार कर दिया | किन्तु ऐसा कुछ भी रिकार्ड पर नहीं था जिससे यह साबित होता हो कि रेल्वे अधिकारियों का जहर खुरानी से कोई लेनादेना हो या वे इस तरह जहरखुरानी को टालने में लापरवाह रहे हों | अतः दावा याचिका निरस्त कर दी गयी|
No comments:
Post a Comment