Sunday 8 January 2012

डिजाइन इन्टरनेट पर हो तो उसका प्रकटन हित पर विपरीत प्रभाव नहीं डाल सकती

दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिट संख्या 3036/2010 :दिल्ली मेट्रो रेल कोर्प लि बनाम सुधीर वोहरा के निर्णय में कहा है कि यह न्यायालय केन्द्रीय सूचना आयोग के दृष्टिकोण से  सहमत है कि दिल्ली मेट्रो रेल कोर्प लि अधिनियम की धारा 8(1)( डी) के अंतर्गत सूचना के प्रकटन से छूट नहीं मांग सकती| जैसा कि धारा 8(1)(ए) के बारे में छूट के समबन्ध में न्यायलय का निष्कर्ष है कि स्वयं दिल्ली मेट्रो रेल कोर्प लि ने इस डिजाइन को त्रुटिपूर्ण  व असफल माना है| दिल्ली मेट्रो रेल कोर्प लि ने यह कहा है कि वह इस डिजाइन को आज के बाद की परियोजनाओं में काम नहीं लेगी| इस डिजाइन की सूचना और विवरण पहले से ही इंटरनेट पर हैं और सार्वजानिक हो चुके हैं| इस परिस्थितियों में ऐसी डिजाइन का प्रकटन दिल्ली मेट्रो रेल कोर्प लि की सुरक्षा, नीतिकौशल, वैज्ञानिक या आर्थिक हित पर मुश्किल से ही कोई विपरीत प्रभाव डाल सकती है| अतः इस न्यायालय के लिए केन्द्रीय सूचना आयोग के निर्णय में हस्तक्षेप  का कोई आधार नहीं है|

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