Sunday 15 January 2012

लोक क्रिया-कलाप से असम्बन्ध सूचना तो अधिनियम में कहीं भी रोकी नहीं गई है

राजस्थान सूचना आयोग ने अपील संख्याः 3506/2009 श्री नरेन्द्र कुमार कौशिक बनाम  मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में कहा है कि   अधिनियम में केवल उसी सूचना को प्रकटन से छूट दी गई है जिनका उल्लेख सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 8 (1), 911 में अंकन है। इसके अतिरिक्त किसी भी सूचना को देने से मना नहीं किया जा सकता। अधिनियम-2005 की धारा 22 के अनुसार तो अधिनियम-2005 के अन्य सभी अधिनियमों एवं नियमों पर अध्यारोही प्रभाव घोषित किया गया है। अधिनियम में जन क्रिया-कलाप   के अभाव में सूचना को रोकने का कोई प्रावधान नहीं है। अधिनियम-2005 में जन क्रिया-कलाप   को कहीं परिभाषित नहीं किया गया है और ना ही राजस्थान सूचना का अधिकार (उच्च न्यायालय एवं अधिनस्थ न्यायालय) नियम-2006 में जन क्रिया-कलाप   को परिभाषित किया है। इन शब्दों का प्रयोग केवल अधिनियम-2005 की धारा 8 (1) में है। यदि उस प्रावधान को पढा जाये तो स्पष्ट होता है कि यह उस व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है जिसका प्रकटन किसी लोक क्रिया कलाप से संबंध ना रखता हो। प्रत्यर्थी पक्ष - लोक सूचना अधिकारी तथा विद्वान अपीलीय प्राधिकारी - ने अपने आदेशों में यह कहीं भी स्पष्ट नहीं किया है कि अपीलार्थी द्वारा वांछित सूचना अधिनियम-2005 की किस धारा या प्रावधान के तहत अदेय है। लोक क्रिया-कलाप से असम्बन्ध सूचना तो अधिनियम में कहीं भी रोकी नहीं गई है।

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