दिल्ली उच्च न्यायलय ने रिट संख्या/14017/2007: एम के त्यागी बनाम के एल आहूजा (केन्द्रीय सतर्कता आयोग) के निर्णय में कहा है कि 90 दिन की अवधि का विलम्ब इस मान्यता पर सीमित है कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने 27.02.06 को सूचना भेज दी थीं, यद्यपि याची का कहना है कि उसे उक्त पत्र नहीं मिला है| इस बात में कोई संदेह नहीं है कि याची को सूचना देने में विलम्ब से गंभीर हानि हुई है यहाँ तक कि वह अपनी दिसंबर 2005 में सेवानिवृति से पूर्व मना किये गए पदोन्नतियों को माँगने में असमर्थ रहा| तदनुसार विलम्ब के प्रत्येक दिन के लिए धारा 20(1) के अंतर्गत 250 रुपये अर्थ दण्ड आज से 4 सप्ताह में अदा करेगा|
जहां तक अधिनियम की धारा 19(8)(बी) के अंतर्गत क्षतिपूर्ति का प्रश्न है, इस न्यायालय का विचार है कि इस राशि की आसानी से गणना नहीं की जा सकती | न्यायहित की पूर्ति हो जायेगी यदि केन्द्रीय सतर्कता आयोग को याची को खर्चे के रुपये 30000 अदा करने की अपेक्षा की जाए| कथित राशि का के स आयोग याची को आज से 4 सप्ताह के भीतर भुगतान करेगा|
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