एक बार केंद्रीय विधि मंत्री
हंसराज भारद्वाज राजस्थान के दौरे
पर आये थे। उच्च न्यायालयों में जजों की कमी का मुद्दा उनके सामने उठाया । मंत्री महोदय बोले यहां जज काम कम कर रहे हैं इसलिये जब तक सुधार नहीं हो जाता तब तक
और जज नहीं मिलेंगे। शाबाश ! काम जज नहीं करते और खामियाजा भुगते जनता यह निर्णय है जन प्रतिनिधि
का..?
और एक विधि वेता कहते हैं जब तक हिंसा नहीं रुकती तब तक सुनवाई नहीं करेंगे . और यही फार्मुला आगे
बढे तो .. जब तक रेप नहीं
रुकते रेप पर सुनवाई नही.. ? क्यों यही होना चाहिये ना
..? यह है भारत के विधिवेताओं के दिमाग का दिवालापन . शायद इसीलिये -- शेक्सपीयर ने कहा है --"The
first thing we do, let's kill all the lawyers". - (Act IV, Scene II).
----Henry VI (Part 2) - William Shakespeare