Saturday, 12 November 2011

न्याय के सिद्धांत

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार राज्य बनाम रामनरेश  पाण्डे (1957 एससीआर 2797) में कहा है कि जब साक्ष्य का अभाव या अभियोजन के सफलतापूर्वक संचालन के अभाव के आधार पर वापिस लेने का निर्णय आधारित हो तो न्यायालयों को सिर्फ शक्ति ही नहीं अपितु रिकॉर्ड पर विषय वस्तु की परीक्षा करने का कर्तव्य जिसके बिना ऐसे आधार की वैधता तथा औचित्य निर्धारित नहीं किया जा सकता।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य बनाम फतेहचन्द (139(2007) डीएलटी 110) में कहा है कि उपरोक्त परन्तुक का पठन दर्शाता है कि घटकों में निर्धारित मानकों से नीचे गिरावट प्राकृतिक कारणों तथा मानव के नियंत्रण से बाहर के कारण हो सकती है, पदार्थ को मिलावटी नहीं कहा जा सकता। इस तथ्य पर विचार करते हुए कि प्राकृतिक कारणों से गिरावट हो सकती है तथा पदार्थ  अन्य मानकों की पूर्ति करता हुआ पाया गया इसलिए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं है।

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