श्री मनमोहन सिंह जी,
प्रधान मंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली
मान्यवर,
नीतिगत मामले : अधिकारों का प्रत्यायोजन एवं जन शिकायतों का निवारण
मैं आपको यह स्मरण करवाने की आवश्यकता नहीं समझता कि
आपकी लोकप्रिय सरकार ने “शिकायत निवारण तंत्र लोक
शिकायत निवारण 2010 हेतु दिशा-निर्देश” जारी
किये हैं और इसकी अनुपालना में शिकायत निवारण अधिकारी भी नियुक्त कर रखें हैं जो
प्रशासनिक शिकायतों का निवारण करने के लिए अधिकृत हैं| किन्तु “नीतिगत मामलों” की शिकायतें इसकी परिधि में नहीं आती हैं क्योंकि राष्ट्र
द्वारा अपनाई गयी लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में नीतिगत मामले मात्र जनप्रतिनिधियों
के ही दायरे में आते हैं|अत: नीतिगत मामलों की शिकायतें इस पोर्टल पर “दायरे से बाहर” बताते हुए निरस्त कर दी जाती हैं| दूसरी ओर नीतिगत मामलों
के सामान्य जन प्रतिवेदनों को जन प्रतिनिधियों के ध्यान में लाये बिना ही सचिवालय
स्तर पर निरस्त कर लोकतंत्र को विफल किया जा रहा है|यह स्थिति अत्यंत दुखदायी है
जहां सरकार द्वारा दोहरे मानदंड अपनाए जा रहे हैं|इस प्रकार नीतिगत मामलों में
जनता को अपनी व्यथा जन प्रतिनिधियों तक पहुँचाने का कोई विकल्प ही उपलब्ध नहीं है
और कहने को देश में लोकतंत्र है किन्तु इसमें आम नागरिक की कोई सक्रीय भागीदारी
नहीं रह गयी है|
लोकतंत्र में सरकारी अधिकारी अपने विभाग प्रमुख के
प्रति जवाबदेह हैं और जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह हैं| किसी भी नीतिगत
मामले में हस्तक्षेप करने, संशोधन करने या स्वीकार करने का अधिकार मात्र
जनप्रतिनिधियों को ही है| निश्चित रूप से जब किसी नीतिगत मामले को स्वीकार करने का
किसी अधिकारी को कोई अधिकार नहीं है तो फिर उसे अस्वीकार करने का भी कोई अधिकार
नहीं हो सकता| यदि अस्वीकार करने का अधिकार ही नीचे के स्तर पर दे दिया जाए या
प्रयोग किया जाए तो फिर उच्च स्तर पर ऐसा कोई अधिकार अर्थहीन रह जाएगा| अतेव कृपया
व्यवस्था करें कि समस्त अधिकारियों की शक्तियां सहज दृश्य रूप में प्रकाशित की
जाती हैं और नीतिगत मामलों में कोई भी निर्णय, यथा स्थिति, सशक्त सम्बंधित
मंत्री, समिति या अध्यक्ष की अनुमति के बिना नहीं लिया जाये ताकि देश में
वास्तव में लोकतंत्र स्थापित हो सके| आप द्वारा इस प्रसंग में की गयी कार्यवाही का
मुझे उत्सुकता से इन्तजार रहेगा|
सादर,
भवनिष्ठ
मनीराम शर्मा दिनांक: 01.09.2013
एडवोकेट
नकुल निवास, रोडवेज डिपो के पीछे
सरदारशहर-331403
जिला-चुरू(राज)
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