भारत में आयकर अपवंचना ---
अमेरिका में 55 प्रतिशत लोग आयकर देते हैं और वहां प्रतिव्यक्ति औसत
आय 50000 डॉलर प्रतिवर्ष है जबकि आयकर की न्यूनतम सीमा 9750 डॉलर | यद्यपि
अमेरिका में आयकर सीमा परिवार के आकार और पालन पोषण की जिम्मेदारी के हिसाब
से अलग अलग है | भारत में प्रति व्यक्ति
औसत आय 100000 रूपये प्रतिवर्ष है और आयकर की न्यूनतम सीमा 250000 रूपये है व मात्र
3 प्रतिशत लोग ही आयकर देते हैं | सरकार
के अनुसार 75 प्रतिशत लोग देश में ऐसे हैं जिन्हें भोजन के लिए सब्सिडी की जरूरत
है | शेष में से सम्भवतया 10 प्रतिशत लोग मध्य श्रेणी का जीवन यापन करते हैं व
आत्मनिर्भर हैं और उनसे कोई विशेष आयकर वसूलने की गुंजाईश नहीं है| यह बात अलग है
कि इनमें से भी जो संगठित क्षेत्र से हैं उन्हें सरकार को आयकर देना पड़ता है| इस दृष्टिकोण से देश में आयकर दाताओं की संख्या
कम से कम 15 प्रतिशत होनी चाहिए किन्तु वे कर जाल से निकल जाते हैं |
कृषि आय आयकर मुक्त होने से देश में कर अपवंचना के लिए एक बड़ा रास्ता
खुला है |धनिक लोग शहरों के पास कृषि भूमि क्रय कर लेते हैं उससे काफी आय बनावटी
तौर पर दिखाकर बच निकलते हैं | यक्ष प्रश्न यह है कि यदि कृषि से ही इतनी आय हो
पाती तो क्या देश के किसान आत्म ह्त्या करते या दूसरे धंधों की ओर पलायन करते,
कृषि बीमा व सब्सिडी की आवश्यकता होती ? किन्तु इस प्रसंग में राजस्व प्रशासन न केवल
मौन है बल्कि ऐसे कर चोरों को प्रोत्साहित भी कर रहा है|
दूसरा, आयकर कानून के अनुसार केवल वही भूमि कृषि भूमि की परिभाषा में
आती है जोकि नगर निकाय की सीमा से कमसे कम 8 किलोमीटर की दूरी पर हो जबकि इन धनिकों
की ये संपतियां इसी परिधि में आती हैं|
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