हमारे सांसदों को मुफ्त का आवास,
नौकर चाकर, दो दो सेक्रटरी , बिजली,पानी,
फोन , वाहन भत्ता आदि लाखों रूपये
प्रतिमाह की सुविधाएं जनता के खून पसीने की
कमाई से मिलते हैं | मुफ्त का आवास सुलभ न हो तो पांच सितारा होटलों में ठहरते हैं और वहां क्या क्या करते हैं यह
भी जनता जानती है | सांसद कोटे भी आय का अच्छा और नया स्त्रोत है | प्रश्न पूछने और न पूछने (
चुप रहने ) के लिए भी धन मिल जाता है |
फिर भी देश के सांसदों का
प्रतिमाह वेतन, वर्ष जो 2005 तक 4000
रूपये था, को
दिनांक 12.09.2006 से 16000 और शीघ्र ही दिनांक
18.05.09 से बढाकर 50000 रूपये कर दिया गया है!
बैंक कर्मचारियों का वेतन समझौता
दिनांक 01.11. 12 से बकाया है | तात्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ( जिन्हें छोटे बचे आडम्बरम कहते हैं) ने कहा कि क्या सारा मुनाफा
कर्मचारियों को ही दे दें | मान्यवर जो अन्य कर्मचारी कोई मुनाफा नहीं कमाते फिर उनको क्या और क्यों देते हो !पुलिस के मामलों में सिर्फ 2% में ही
सजा होती है फिर उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे ?अब सरकार का कहना है कि 5 साल
के बाद 10% वेतन बढवा लो | आपने तो 4 साल
में ही अपना वेतन 1200% बढ़ा लिया तब ये सारे प्रश्न कहाँ चले गए और आप लोग जो 67 साल से काम कर रहे हो उसे भी जनता देख रही है |
क्या बैंक कर्मचारी आप एमपी ( एक
अर्थ मलेरिया पैरासाइट भी होता है) को देने के लिए लाभ कमा करके दें ? बैंक लाभ कहाँ
से कमाएंगे जब आप अदानी जैसे लोगों को ऋण
दिलवाते हो और सस्ती लोकप्रियता और राजनैतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए ऋण दिलवाते हैं | बिना जमा के
खाते खुलवाते हैं और खातों में सिर्फ
300 रुपये महिना गैस सब्सिडी जमा हो व उसे
ग्राहक तुरंत निकाल ले | बदले में आप लागत का आधा भी पूर्ति नहीं करते | देश में
मात्र 3% आयकर देने वाले हैं -तब बैंक में
जमा करवाने की हैसियत कितने लोगों की है |
सब्सिडी जब सिलिंडर की कीमत में से सीधे घटाकर मिल रही थी तब क्या
परेशानी थी | रहा सवाल फर्जी का तो जो लोग आपके सानिद्य में फर्जी सिलिंडर लेते
हैं, वे फर्जी और कई खाते भी खुलवा लेंगे
| माननीय जन प्रतिनिधियों के घरों पर ही
15-20 सिलिंडर एक साथ मिल जाते हैं| आधार में आंकड़ों की
सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है और वह भी आसानी से बनते नहीं | लोग 3-4
चक्कर लगा चुके हैं लेकिन पूरा दिन खराब करने और ऑटो के पैसे खर्च करने के बावजूद
भीड़ के कारण आधार कार्ड नहीं बनवा पाये हैं | फिर डीबीटीएल योजना तो दीर्घकाल में जनता के साथ एक छलावा साबित होगी
| अभी यदि आप सब्सिडी बंद कर देंगे तो बवाल उठ जाएगा इसलिए इसे धीरे धीरे कम करके
बंद कर सकते हैं | एक दिन कह देंगे कि हमारे पास
बजट नहीं सब्सिडी के लिए जबकि निजी विमानन कंपनियों को उधार देने के लिए
आपके पास काफी महँगा इंधन भी है |
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