गुजरात
के बहुत कम लोग अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में बैठते और सफल
होते हैं क्योंकि गुजराती व्यापारी खरीदने
में ज्यादा विश्वास करते हैं | कुछ बड़े
व्यापारियों से बातचीत में उन्होंने बताया कि किताबों में माथा खपाने में क्या रखा है, व्यापार करेंगे कमाएंगे और बेटा आईएस या आईपीएस
नहीं तो क्या पांच सात करोड़ खर्च करके किसी
आई
ए एस या आई पी एस को दामाद बना लेंगे | प्रतिवर्ष की इन सूचियों और आईएस या आईपीएस के रिश्तों
को देखकर इनकी पुष्टि की जा सकती है |
जहां
तक विकास का प्रश्न है सरकारी खजाने से जो भी धन खर्चा होगा उसे मंजूर
करने वाले को कमीशन मिलता है अत: उसमें वह पूरी रूचि लेता है किन्तु कानून
व्यवस्था बनाए रखने पर कोई रूचि नहीं लेते क्योंकि उसमें कोई कमीशन नहीं मिलता
बल्कि अपराधियों को संरक्षण ख़त्म करने पर प्रोटेक्शन मनी मिलना बंद हो
जाता है|
भाजपा या मोदीजी से पहले भी गुजरात कोई पिछड़ा राज्य नहीं रहा
है| वहां पर्याप्त भौतिक संसाधन, समुद्री तट, अच्छा जलवायु, अच्छी और
उपजाऊ मिटटी है | अत: आर्थिक विकास होना ठीक उसी प्रकार स्वाभाविक है जैसे पंजाब में कृषि और बिजली |
राज्य
में उद्योग विभाग में भी काम करवाने की
दरें प्रत्येक सीट के लिए तय हैं और भेंट
चढाने पर काम जेट की तरह से आगे बढ़ता है | राजस्थान में यह कमी रही है कि यहाँ भेंट
चढाने पर भी हरियाणा और गुजरात की तरह तुरत फुरत में काम नहीं होता है | इसीलिए राजस्थान विकास में पिछड़ता गया है |यदि भाजपा ही
विकासोन्मुख पार्टी है तो फिर छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश और राजस्थान का विकास क्यों नहीं
हो रहा है ?
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