Saturday, 27 August 2011

व्यक्तिगत उपस्थिति

सुप्रीम कोर्ट ने गोरी शंकर स्वामीगलू बनाम कर्नाटक राज्य के निर्णय दिनांक 05.03.08 में कहा है कि हम यह समझने में असमर्थ हैं कि सुनवाई के प्रत्येक दिन अपीलार्थी की उपस्थिति पर क्यों जोर दिया गया और उसकी अनुपस्थिति पर प्रतिकूल टिप्पणियां की गई। एक विघ्नकारी तथ्य जो कि उच्च न्यायालय के समक्ष हुआ इस पर इस चरण पर ध्यान दिया जा सकता है। यद्यपि अपीलार्थी पर जघन्य अपराध करने का आरोप है। न्यायालय द्वारा वरिष्ठ स्वामी जी व अपीलार्थी के मध्य उपजे सिविल विवाद को हल करने का प्रयास किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमुना चौधरी बनाम बिहार राज्य (1974(3) एससीसी 774) में कहा है कि अनुसंधान अधिकारी का कर्तव्य मात्र अभियोजन का ऐसा मामला तैयार करना नहीं है जिससे कि न्यायालय दोषसिद्धि दर्ज कर सके अपितु वास्तविक और बिना लीपापोती के सत्य को समक्ष लाना है।

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